प्रयागराज : Uttar Predesh Assembly Election 2022 उत्तर प्रदेश चुनाव 2022
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प्रयागराज में आज कल राजनीतिक दलों की सक्रियता Uttar Pradesh Assembly Chunaav के मद्देनजर बढ़ गयी है। जिले में अधिकांश हिस्सों में अलग अलग राजनीतिक दलों ने आपने कार्यक्रमों में तेजी ला दी है। इसके साथ ही यूपी विधानसभा के चुनावों का बिगुल बज गया है। उत्तर प्रदेश चुनाव 2022 का समय आने वाला है|
इस समय उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार है। इसके बाद नंबर आता है प्रयागराज जिले से उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या जिनके पिछले सालों से व्यक्तिगत विकास ज्यादा हुआ है। उनके ऊपर गंभीर रूप से कई बार आरोप लग चुके है। Keshav Prasad Mauya ( Deputy Chief Minister) के रूप में उनका रोल काफी अहम रहा, जो कि पिछड़ा वर्ग के नेता है।
इलाहाबाद से प्रयागराज Allahabad
योगी सरकार ने आते ही 2018 में इलाहाबाद का नाम प्रयागराज में परिवर्तन कर दिया। Allahabad प्राचीन काल मे Prayagraj से जाना जाता था। Railways में भी यहाँ के सभी जंक्शन रेलवे स्टेशन के नाम प्रयागराज कर दिया गया है। यह उत्तर रेलवे एनसीआर में आता है, यहाँ पर संगम टर्मिनल का भी नया निर्माण किया गया है जो कुंभ मेले में अधिक उपयोगी रहा है।
सभ्यता के हिसाब से जिला पंचायत से लेकर विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव में भी यहाँ के सभी लोग काफी दमदार सांसद विधायक चुनते है। 2014 से ही यहाँ पर मोदी सरकार को ही काफी भारी संख्या में समर्थन रहा है। 2014 में दोनों ही लोकसभा सीटों पर भगवा रंग ही लहराया है। उसके बाद 2017 के विधानसभा चुनावों में एक करछना की सीट को छोड़कर बाकी सभी सीटों पर भारतीय जनता पार्टी को ही विजय प्राप्त हुई।
उज्जवल रावण सिंह
2017 में Uttar Pradesh Assembly Chunaav में करछना सीट ही जो BJP जीत नही पाई। उज्जवल समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेताओं में से एक राज्यसभा सांसद रेवती रमन सिंह के सुपुत्र है। इस बार भी समाजवादी पार्टी उज्ज्वल पर ही दांव खेला जाएगा। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव इस बार काफी कड़ा होने की उम्मीद है।
समाजवादी पार्टी अखिलेश यादव Akhilesh Yadav
दूसरी तरफ अखिलेश यादव प्रयागराज के इस अभेद्य किले को जीतने की कोशिश मे जुट गए है। Akhilesh Yadav जो कि पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके है, उनको इस बात का अंदाजा है कि यहाँ पर जीत आसान नही है। दो साल पहले से ही उन्होंने उचित प्रत्याशी के लिए इंटरव्यू लेना शुरू कर दिया था। उन्होंने Prayagraj में Samajwadi Party के संगठन को काफी मजबूत कर दिया है, निश्चित ही उनको फायदा होगा आने वाले इलेक्शन में।
बहुजन समाज पार्टी मायावती की पार्टी में दम?
पूरे uttar Pradesh में ही पिछले कुछ सालों में बहुजन समाज पार्टी का दबदबा कुछ कम हुआ है। काफी सालो तक ओबीसी आरक्षण, ST SC वोटर्स का ज्यादातर झुकाव रहा हैं। 2012 में करारी शिकस्त के बाद से अब तक BSP उभर भी पाई है, 2014 लोकसभा चुनाव 2017 विधानसभा चुनाव 2019 लोकसभा चुनावों में बड़ी हार हुई। अब देखना यह होगा कि 2022 में होने वाले UP Assembly Election में बसपाई कितना दम दिखाते है। वर्तमान में mayawati एक बड़ी दिग्गज नेताओं में से एक रही है और वह तीन बार मुख्यमंत्री रही है। बहन मायावती ने हाल ही में पूरे प्रदेश में उन्होंने कई सभाओ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनको सरकार और जमकर निशाना साधा है।
2019 लोकसभा में बसपा सपा और कांग्रेस में काफी दम दिखया और गठबंधन किया और सारी सीटो पर लड़ी लेकिन उनको सफलता प्राप्त नही हुई। अब सब ने साफ कर दिया कि तीनो ही पार्टिया अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस में प्रियंका गांधी काफी सक्रिय रही है कुछ समय से उत्तर प्रदेश में, प्रयागराज में भी कई बार आगमन हुआ उनका। राहुल गांधी ने हालकि अमेठी लोकसभा में हार के बाद कुछ दूरी बना ली है प्रदेश से। अब देखना होगा कि Rahul Gandhi की यह दूरिया काफी Congress Party को ही सत्ता से दूर न कर दे। Priyanka Gandhi ने पार्टी के हर कार्यक्रम में यही बोला है कि यूपी अब बदलाव चाहता है।
दोस्तो आप लोगो को क्या लगता है कि इस बार उत्तर प्रदेश में किसकी सरकार बनेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ही सत्ता में बरकरार रहेगी या समाजवादी पार्टी की वापसी होगी। हो सकता सभी को चौकाते हुये बहुजन समाज पार्टी या कांग्रेस भारी बहुमत से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुँचे।